आज के दैनिक भास्कर में वेदांता समूह की नॉन एग्जी. डायरेक्टर @Priya Hebbar बहुत प्रेरणादायक समाचार पढ़ा। समय समय पर नंदघर देखने का अवसर भी प्राप्त हुआ,वेदांता समूह के विज़न एवं मिशन को लेकर मुझे व्यक्तिगत रूप से आश्चर्यचकित करता है।
महिलाएं नौकरी न छोड़े उन्हें ताकत देने के लिए वेदांता समूह कटिबद्ध है। समाज कल्याण , महिला और बाल विकास में अवर्णनीय योगदान है।
महिलाओं की आवाज बढ़ाने का यह आंदोलन एक बड़े स्तर पर तभी संभव होगा जब समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार का इसमें सहयोग मिलेगा। परिवार का हर सदस्य इस शक्ति के महत्व को समझे तो अवश्य शक्ति का सदुपयोग हो सकेगा। हम भी कुछ अपना योगदान दें। परिवार में शक्ति को सहयोग कर बल प्रदान करें। हर महिला तो वेदांता द्वारा उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं तक नहीं पहुंच सकती, चलो हम अपने अपने परिवारों में शक्ति के सही मायने पहचाने और सहयोग करें। कामकाजी महिलाओं को स्वीकार करना आज भी सामान्य भारतीय परिवार में सहज नहीं है। दृष्टिकोण ऐसा है कि परिवार प्राथमिक जिम्मेदारी है और व्यवसाय, पेश गौण (secondary) है।
इस उलट फेर दोहरी जिम्मेदारी के दो पाटों में महिला पिस जाती है।
आसान तो नहीं है, महिला ना जाने कितने भागों में विभाजित हो अपने जीवन को शक्ति प्रदान करती रहती है, कल्पना करके देखिए।
@Anil Agarwal वेदांता समूह ने इसे सही रूप में समझा है और उत्कृष्ट कदम बढ़ाया है अतः बहुत बहुत बधाई का पात्र हैं। यही सत्य है।
सत्यमेव जयते
कुछ करें
प्रसंग प्रणाम से प्रणव तक सत्य की विजय यात्रा में भाग लें
रेणु वशिष्ठ
No comments:
Post a Comment