Thursday, April 9, 2020

उत्साह में कमी लाने वाले शत्रुओं को खोजो, उनको निकल फेको।
द्वंद उत्साह में कमी लाता है व असफलता का कारण है।द्वंद में फंसकर समस्त मानसिक एवम् भावनात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाती है। जब ऊर्जा नष्ट हो जाएगी तो उत्साह कान्हा से आयेगा।
उत्साह के बिना सफलता पना नामुमकिन है। द्वंद की दलदल से ऊपर उठकर आगे बढ़े।द्वंद से ऊपर उठत ही हमें शक्ति मिलेगी।
उत्साहित में हृदय, विचारों एवम भावनाओ को नई ऊंचाई प्रदान करते है। जैसे जैसे उत्साहित होंगे (सामंजस्य के साथ)
रचनात्मकता एवम् सृजनात्मकता के नवीन आयाम खुलते चले जाएंगे। फिर किसी भी क्षेत्र में कुछ नया करने के लिए विचार ही नहीं मिलेगा, बल्कि उसे पूरा करने के लिए साहस एवम् शौर्य भी निरंतर मिलता रहेगा क्योंकि इसमें भावना कि ऊर्जा भी तो समाविष्ट होती है।

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