जिस प्रकार हम कही भी हो हमे अपने घर पहुंचने की चाह रहती है। घर पहुंचकर हम एकदम रिलैक्स हो जाते है। एक सुरक्षा की भावना हममें आ जाती है। सुकून आ जाता है। एक ठहराव आ जाता है। उसी प्रकार जब हम अंतर्मन को छूने की कोशिश करते है या कंही बाहर भी हम अपने साथ में होते है हमे एक स्थिरता महसूस होती है। एक खुशी मिलती है।
में के घोड़े को लगाम देकर अपने में स्थित कर उस क्षण को महसूस करने का प्रयत्न करे। आप अपने में को अपने पर केंद्रित करिए।
हमे मध्य मार्ग अपनाना है। अतिरांजीजतता को नजरंदाज करे। अपने अंतरतम के गहरे केंद्र में स्थित होने का प्रयास करे। कुलमिलाकर अपना सत्य धर्म खोज कर स्थित हों। हर पल हर क्षण जैसा है वैसा स्वीकार करें। इस प्रकार अभ्यास करने से मन द्वारा उत्पन्न नकारात्मकता समाप्त होगी।
में के घोड़े को लगाम देकर अपने में स्थित कर उस क्षण को महसूस करने का प्रयत्न करे। आप अपने में को अपने पर केंद्रित करिए।
हमे मध्य मार्ग अपनाना है। अतिरांजीजतता को नजरंदाज करे। अपने अंतरतम के गहरे केंद्र में स्थित होने का प्रयास करे। कुलमिलाकर अपना सत्य धर्म खोज कर स्थित हों। हर पल हर क्षण जैसा है वैसा स्वीकार करें। इस प्रकार अभ्यास करने से मन द्वारा उत्पन्न नकारात्मकता समाप्त होगी।
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