प्रणाम,
आज का प्रसंग,
आपको शरीर का आकार, अच्छा संस्कार माता-पिता एवं पूर्वजों के धर्म व सत्कर्म से प्राप्त हो सकता है, किन्तु 'खेती उपजे अपने कर्मे'
हमको उत्तम फल चाहिए तो कर्म या कार्य करना ही पड़ेगा।
महर्षि वेदव्यास के शब्दों में, 'बिना कर्म फल की प्राप्ति नहीं हो सकती।'
गोस्वामी तुलसीदास जी के शब्दों में, "सकल पदारथ एही जग माही । करमहीन नर पावत नाहीं.."
और "काहु न कोऊ सुख दुख कर दाता ..निज कृत् करम भोग सबु भ्राता.."
कर्म और विचार ही हमारे वश में होता है, जैसा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है: 'कर्मण्येवाधिकारस्ते ...कर्मणि।'
प्रसंग यह है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयां क्यों ना हों, आप सत्कर्म, निरंतर कर्म कर सच्चाई से अच्छाई की ओर बढ़ सकते हैं।
यदि हम जो चाहते हैं और वह नही मिला तो हमें सोचना चाहिए कि क्या मैने उचित कर्म करके अपनी पात्रता को बनाया है। हम बूंद भर काम करके गागर भरना चाहे तो संभव नहीं। गागर में सागर भरने वाली बात कर्म क्षेत्र में लागू नहीं होती। क्षेत्र और क्षेत्रज्ञ दोनो ही आप हैं। जैसे जैसे सतकर्म करते जायेंगे , बिना फल की इच्छा के, आपके कर्म क्षेत्र का दायरा बढ़ता जायेगा। कर्म की जितनी बूंदे डाली हैं हमारी गगरी उतनी ही भरेगी।
कर्म हमारे जीवन को एक उद्देश देता है, जीवन को सार्थक बनाता है।
सत्य ही कहा जाता है, 'जन्म-मरण के मध्य है जीवन कर्म-प्रधान । उज्ज्वल जिसका कर्म है, जीवन वही महान..
अथर्ववेद की यह उक्ति 'चरैवेति चरैवेति' कहती है "रुकना जीवन का गुण नहीं, सदैव चलते और बढ़ते रहना जीवन का गुण है ।"
जो कर्मठ नही, कर्म की महत्ता को जानते नही, उनके विचार रहते हैं, "मैं क्यों करूं?"
कर्मठ व्यक्ति के विचार होते हैं, "मैं ही क्यों ना करूं?"
मेरा मानना है सही दिशा में, सही भाव से कर्म करने वाला विजयी होता है आज नही तो कल।
विद्वज्जन एक performance पर रुककर निंदा-स्तुति के पीछे आसक्त नहीं होते, फिर अगले performance की तैयारी शुरू। निरन्तर स्वयं के भीतर क्षमता, योग्यता, कौशल और सद्गुणों का विकास करते रहना परम कर्तव्य है.....।।
कर्म का अमृतकाल चल रहा है। सत्कर्म करते रहिए।
यही सत्य है।
सत्यमेव जयते!
श्रमेव जयते
सत्य से प्रेम कर, कर प्रेम से कर्म।
प्रसंग प्रणाम से प्रणव तक सत्य की विजय यात्रा में भाग लें।
Look beyond imperfections
Be 'PRASANG' Be Joyous
रेणु वशिष्ठ
मेरी काया मेरी वेधशाला से
शनिवार 17.8.2024
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