Monday, March 24, 2025

 




परी कथाओं में ईर्ष्या, द्वेष, जलन, मात्सर्य, क्रोध, को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जाता है। नैतिकता के नाम पर शोषण डर भय का बोलबाला होता है।
परी कथाओं के बजाय बच्चों को वीर, साहसी बालक बालिकाओं की कहानियां सुनाओ, पढ़ाओ, दिखाओ।
वीर बालक बालिकाओं की कहानियां आत्म त्याग तथा बलिदान का सजीव चित्रण करतीं है। निस्वार्थता और धैर्य, तुष्टि की पुष्टि करती हैं।
विचार करके देखिए वीर बालक, भारत, ध्रुव, प्रहलाद, लव कुश, आरुषि, पृथ्वीसिंह, शिवाजी पढ़कर आपको कैसा महसूस होता है और सिंड्रेला, रैपंजेल, हंसल ग्रेटल आदि आदि पढ़कर कैसा महसूस होता है।
बच्चों का चरित्र निर्माण करना है तो वीर बालक बालिकाओं की कहानियां सुनाओ, पढ़ाओ और दिखाओ।
Bakhal Preschool curriculum developers वीर बालक बालिकाओं की कहानियां सुनाने, पढ़ाने पर जोर देता है।

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