Monday, March 24, 2025

हम एक भौतिक शरीर नहीं हैं, हम शुद्ध चेतना है

 


सत्य है, हम एक भौतिक शरीर नहीं हैं, हम शुद्ध चेतना है। ब्रह्मांड शुद्ध चेतना है, हम उसी का रूप हैं, अहम ब्रह्मासमी तत् त्वं असि।
यथा पिंडे तथा ब्रह्माण्डे।।
प्रसंग प्रणाम से प्रणव तक सत्य की विजय यात्रा का उद्देश्य उसी शुद्ध चेतना को जन जन में जागृत करना है। युगों युगों से अंतर में सोई है शिव शक्ति , अनंत की शक्ति सभी में है, जीवन में शिव अविनाशी, जागो अपनी शिव शक्ति को जगाओ।
हर हर महादेव है, हर जन महादेव है।
सत्य को जीवन का आधार बनाए, स्वयं प्रकाशित हों, अपने महास्वरूप को पहचाने।
सदी के महासंदेश :- सत्य से प्रेम, प्रेम से कर्म करें।
सत्यमेव जयते
प्रसंग प्रणाम से प्रणव तक सत्य की विजय यात्रा में भाग लें।
Look beyond imperfections
Be 'PRASANG' Be Joyous
रेणु वशिष्ठ
मेरी काया मेरी वेधशाला से
महाशिवरात्रि 2025
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