Monday, March 24, 2025

मनुष्य समस्याओं से नहीं, समाधान से पीड़ित है।

 


मनुष्य समस्याओं से नहीं, समाधान से पीड़ित है।

जैसा है वैसा स्वीकार करो, समाधान ढूंढने में व्यर्थ समय बर्बाद मत करो।

सब कुछ स्वत हो रहा है, प्राकृतिक रूप से। क्या प्रकृति को कोई नियंत्रित कर सकता है। प्रकृति स्वअनुशासन से चलायमान रहती है। हम भी प्रकृतिनुसार अनुशासित हो जाए तो ना समस्या रहेगी न समाधान की आवश्यकता।

जो है सो है

आनंद तो सर्वत्र है, आनंदित रहो।

सत्यमेव जयते

श्रमेव जयते 

प्रसंग प्रणाम से प्रणव तक सत्य की विजय यात्रा में भाग लें 

रेणु वशिष्ठ 

मेरी काया मेरी वेधशाला से

25.1.2025


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