Tuesday, March 25, 2025

भाषा को अपने हृदय से दूसरे के हृदय में उतारने के लिए संगीत सशक्त माध्यम है

 






प्रणाम,
आज का प्रसंग,
भाषा को अपने हृदय से दूसरे के हृदय में उतारने के लिए संगीत सशक्त माध्यम है। संगीत मनोरंजन के लिए नही आत्मरंजन के लिए होता है। शिक्षको को भी चाहिए विषय वस्तु से विद्यार्थियों का मनोरंजन नही आत्मरंजन करे। शब्द हृदय से हृदय में उतर आत्मा को छू ले तो हृदय कमल के साथ साथ मस्तिष्क खुलता है और मनुष्य खिलता है ज्ञान सरोवर में।
कबीर ने सत्य अनुभव कर ही कहा होगा, ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोए औरन को शीतल करे और आपहुं शीतल होय।
वीडियो पुणे में हिंदी भाषा की महत्ता पर लिए वर्कशॉप का है।जिसमे भाषा, मूल्य और जीवन सभी का संदेश है।
वाणी से तन मन धन सभी साध सकते है सभी के।

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