Wednesday, September 29, 2021

अद्भुत जीवन, अंको का योग

हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जो सुंदरता, आकर्षण और रोमांच से लबालब है. परंतु अधिकतर लोगों को आँख होते हुए भी वो सुंदरता, आकर्षण व रोमांच दिखाई नहीं देता. तो फिर जो जीवन के इस अद्भुत आनंद को देख नहीं पाते, उन्हे अंधा कहना अतिशयोक्ति तो नहीं होगी. क्यों नही देख पाते हैं? क्यों वंचित रह जाते हैं. लबालब भरे हुए आकर्षण से खिचाव मालूम क्यों नही कर पाते? चारों ओर फैली हुई सुंदरता के माधुर्य का रस पान क्योँ नहीं कर पाते? बिखरे हुए रोमांच के चुनौती को स्वीकार कर रोमांचित क्योँ नहीं हो पाते?

अद्भुत दुनिया के निम्न तीन पहलुओं का आप कितना आनंद उठाते हैं? थोड़ा विचार करिये.

 जानने के लिए स्वयं को 0 से 100 के बीच में अंक दे डालिए.

 1.दुनिया के आकर्षण से कितना आकर्षित होते हैं? (MM 100)

 2.सुंदरता के माधुर्य का कितना रसपान करते हैं?   (MM 100)

 3.रोमांच से कितना रोमांचित होते हैं?                    (MM 100)

तीन सौ में से यदि तीनो का योग 150 से कम हो तो समझ लीजिये जीवन मिलने का अवसर व्यर्थ गवां रहे हैं. यदि 150 से 190 के बीच में है तो समान्य जीवन जी रहे हैं. जहाँ पर आपने कुछ नया सीखने का प्रयास नहीं किया सिर्फ पहले से बनी बनाई परंपराओं व रूढ़ियों की पटरी पर चलकर बचते बचाते समय पास कर जीवन मिला है तो पूरा करना है, हो ही जायेगा की राह पर है. कुछ ना देकर जायेंगे ना लेकर जायेंगे. पुरानी परंपराओं एवम रूढ़ियों का पालन करते आप एक बुजुर्ग समान जीवन जी रहे हैं क्योंकि परंपराएं और रूढ़िया आपके बुजुर्गो द्वारा दी गई हैं, पुरानी हैं. आप नए होते हुए भी पुराने समय में जी रहे हैं. आप नये जमाने में रहते हुए भी स्वयं को पुराने से जोड़ते हैं, आपकी आयु में वो पुराना समय जुड़ जाता है व आप बुजुर्गवार की श्रेणि में आ जाते हैं. आप ना दिल से काम लेते है ना दिमाग से, आप सिर्फ़ दूसरों को प्रसन्न रखने में अपना समय व ऊर्जा व्यर्थ करते हैं.आप एक सीधे सच्चे इंसान हैं परंतु साहस की कमी रहती है. इस कारण आप भूत से जुड़े रहते हैं, वर्तमान में भी भूत की डोर पकड़कर चलते हैं. भविष्य के बारे में आप कल्पना भी नहीं कर पाते क्योंकि आप अज्ञात भय से भयभीत रहते हैं. जिस कारण आप उस ओर नज़र भी नहीं करना चाहते. आप में नवीनता की कमी रहती है परंतु दूसरा कोई कुछ नया करता है तो आप उसे स्वीकार करते हैं व उसे पूरी छूट देते हैं परंतु स्वयं नहीं बदलते हैं. 

यदि आपके अंको का योग 190 से 250 है तो आप वर्तमान से जुड़े हैं. नये नये विचारों का समावेश आप बखूबी करना जानते हैं. आप प्रकृति के बजाय मनुष्य द्वारा निर्मित भौतिक संसार से ज्यादा जुड़े रहते हैं. भौतिक सुखों के उपभोग के साथ साथ आपमे उत्साह रहता है. आप स्वयं के साथ साथ दूसरों की मदद करने को तैयार रहते है. धन के बजाय आप तन मन की मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं. आप वस्त्विकता के बजाय आवस्त्विक संसार से अधिक जुड़े होते हैं. आधुनिक तकनीक के उपयोग से आप आनंदित होते है. आप एक भ्रमित जीवन जीते हैं. जहाँ आपको लगता है कि आप आवस्त्विक दुनिया के हीरो हैं. आप बेचैन अधिक व व्यवस्थित कम रहते हैं. आप लोगों से कम व चीजों से अधिक मिलना चाहते हैं. आपकी दुनिया सिकुडी सिमटी होती है.

यदि आपने अपने आपको 250 से 300 के बीच अंक दिये हैं तो आप सही जीवन की ओर अग्रसर है. उत्साहित हैं, रोमांचित हैं. आप सुंदरता के साधक हैं. तन मन धन की सुंदरता आप में समा जाती है. भावनाओं मे रोमांच है. जीवन का सही विस्तार आपके पास है. आप प्रकृति को अनुभव करने का आनंद लेते हैं. जिस आनंद लेने के लिये प्रकृति ने आपका ये मनुष्य शरीर घडा है. 

आनंदित रहें!!!!

Look beyond imperfections 

Be 'PRASANG' Be Joyous

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